हाइड्रोपोनिक्स पौधों को उगाने (खेती या बागवानी) की ऐसी विधि है। जिसमे मिटटी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
मिटटी की जगह इसमें पर्लाइट, रॉकवूल, क्ले बॉल्स, कोकोपीट, वर्मीकुलाइट आदि का प्रयोग किया जाता है ,इस तकनीक में पौधों को आवश्यक पोषक तत्त्व उपलब्ध करवाए जाते है जो पौधों के विकास के लिए बहुत आवश्यक होते है। आधुनिक खेती के रूप में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का प्रचलन काफी बढ़ा है।
इस आधुनिक तकनीक में पौधों का विकास कम समय में अधिक , तथा फसल स्वस्थ व स्वच्छ होती है।
हाइड्रोपोनिक्स विधि के बहुत से लाभ देखे गए है, जैसे
सबसे पहले तो इसमें मिटटी का इस्तेमाल नहीं किया जाता
दूसरा हर जगह तथा किसी भी मौसम में इस तकनीक का इस्तेमाल करके फसलों को उगाया जा सकता है
कम जगह में भी इस तकनीक का बखूबी इस्तेमाल करके ज्यादा लाभ लिया जा सकता है। बल्कि घर की छत्तों में भी इस तकनीक का उपयोग करके बेहतरीन आमदनी का जरिया बनाया जा सकता है ।
इसमें पोधो को पोषक तत्त्व आसानी से प्राप्त होते है जिससे कम जगह में ज्यादा पौधों को लगाया जा सकता है।
हाइड्रोपोनिक्स पानी की फ़ालतू बर्बादी को रोकता है। खुले खेतों की अपेक्षा इसमें 90 प्रतिशत कम पानी की खपत होती है , इस विधि में सिस्टम के अंदर पानी लगातार घूमता रहता है जिसे पौधे अपनी आवश्यकता के अनुसार लेते रहते है।
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सबसे बड़ा फायदा इसमें यह है की आप पौधों के विकास अलग-अलग चरणों के अनुसार आवश्यक पोषक तत्त्वों की सही मात्रा पौधों को आसानी से उपलब्ध करवा सकते है। जिससे अधिक व गुणवत्ता युक्त उपज या फसल ले सकते है।
पारंपरिक खेती में मुख्य चिंता का विषय होती है खरपतवार। लेकिन हाइड्रोपोनिक्स में आपको इस चिंता से मुक्ति मिल जाती है।
हाइड्रोपोनिक्स श्रम और समय तो बचाता ही है। साथ ही साथ इस विधि से किसी भी समय किसी भी मौसम में अधिक लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है।
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