स्वच्छ व स्वस्थ भारत मुहिम नवीनतम तकनीक से उगाएं घर आंगन में सब्जियां Grow Hydroponic Vegetables


यह कोई रहस्य नहीं है कि कीटों के हमले को रोकने और उपज बढ़ाने के लिए फसल नुकसान को रोकने के लिए हमारे खेतों में उगाए गए भोजन को रसायनों के साथ छिड़का जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है, और इससे कई लाइलाज बीमारियां पैदा हो रही है । अगर आप भी फल-सब्जियों में बढ़ते मिलावट और इसके नुक्सान से परेशान है और आप अब खुद अपने घर में फल-सब्जियां उगाना चाहते हैं ताकि उनके परिवार को शुद्ध खाना मिल सके।

लेकिन कही न कहीं आप सोचेंगे के हमारे पास तो जगह ही नहीं है इसके लिए तो खेत चाहिए या 100-200 गज का प्लाट हो तभी संभव हो सकता है । लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है दोस्तों । अगर आप घर के बाउन्ड्री के भीतर खाली जमीन पड़ी हुई है तो किचन गार्डन के रूप में इसका प्रयोग कर अपने डेली की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। अगर आपके पास सब्जियां उगानें के लिए खाली जमीन नहीं हैं। तो आप अपनी बालकोनी या छत्त पर आसानी से अपने डेली के यूज की सब्जियां, फल और फूल आसानी से उगा सकतें हैं। या इससे मल्टी लेयर तकनीक से उत्पादन बढ़ाया भी जा सकता है ।

दोस्तों आज हम आपको ऐसी तकनीक के बारे में बताने जा रहे है जो के विदेशो में काफी प्रचलित है और अब हमारे देश में भी इस तकनीक का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है । जो के आने वाले दिनों में बहुत ही व्यापक रूप में देखने को मिलेंगे । यह एक ऐसी तकनीक है जिसमे आपको मिटटी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी । और न ही आपके घर की छत्त को किसी प्रकार के नुक्सान होने की आशंका होगी इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्चा करने की जरूरत पड़ेगी, यह तकनीक इतनी सरल और आसान है  कि एक बार आप इसके तकनीकी पहलुओं को ध्यान से समझेंगे तो आपको कही और जाने या सीखने की जरूरत नहीं पड़ेगी

पत्तागोभी, फूल गोभी, ब्रोकली, शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, पालक, बींस, पुदीना, धनिया, करेला, घीया, कद्दू, पुदीना, मेथी, और बैंगन जैसी कई प्रकार की सब्जियां बड़ी ही आसानी से इस तकनीक का प्रयोग करके उत्पादित कर सकते है ।


35-45 दिनों के भीतर आराम से आप खुद की उगाई सब्जियो का उपयोग कर सकते है । इस तकनीक में 3-4 घंटे की धूप पोधों के ले पर्याप्त होती है दोस्तो वैसे तो यह तकनीक बहुत पुरानी है लेकिन पूर्ण जानकारी उपलब्ध न होने के कारण लोगो को यह थोड़ा मुश्किल लगता है, बढ़ते जमीन संकट और दूषित खाद्यों की बड़ी संख्या के कारण लोगो का रुझान इस तकनीक की और काफी बढ़ा है ।

कई देशो में जहाँ जमीन की दिक्कत है, इस तकनीक का इस्तेमाल व्यवसायक व व्यापक स्तर पर किया जा रहा है । दोस्तों इस तकनीक में आपको मिटटी की बिलकुल भी जरूरत नहीं होती है। यह तकनीक हाइड्रोपोनिक्स तकनीक कहलाती है , इस तकनीक में सिर्फ पानी और कुछ साधनो का उपयोग करके बड़ी ही आसानी से खेती की जा सकती है ,

हाइड्रोपोनिक्स खेती तकनीक की जानकारी के लिए हमारे इस पोस्ट को पढ़ें


दोस्तों हम आपके लिए लेकर आये हैं बिलकुल ही सरल और आसान एक्सपर्ट लेबल का हाइड्रोपोनिक्स कोर्स हिंदी में । जिसके बाद आप अपना खुद का एक हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम तैयार कर सकते है ,

इस कोर्स में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के विभिन्न पहलुओं को समझने में सहायता मिलेगी, की यह तकनीक क्या है और कैसे कार्य करती है । और कैसे आप आसानी से इस विधि का प्रयोग आपने घर में लाभ ले सकते है।

इसमें हम आपको बताएँगे के कैसे पौधों के लिए विशिष्ट पोषक घोल (खाद) तैयार किया जाता है, किन किन खादों और पोषक तत्वों की पौधों को कब जरूरत होती है , और पोधों की जरूरत के मुताबिक़ सही मात्रा में आप खुद आपने हाथो से इसे तैयार कर सकेंगे , दोस्तों इसके लिए लिए आपको सिर्फ सहयोग राशि के रूप में मात्र रु 199/- देने होंगे । तो आज ही डाउनलोड करें ऑनलाइन फुल कोर्स।


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हाइड्रोपोनिक्स कैसे शुरू करें , Hydroponics How To Start

 

Hydroponics How To Start

 
दोस्तों हाइड्रोपोनिक्स या जिससे आजकल अर्बन फार्मिंग भी कहा जाता है। बहुत ही बेहतरीन कृषि प्रणाली है।   यह मिटटी के बिना बागवानी की एक आधुनिक तकनीक है। जिसमे मिटटी रहित खेती की जाती है , 

मतलब इस तकनीक में खेती के लिए मिटटी की जरूरत ही नहीं पौधों को विकसित करने के लिए हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग करने का प्राथमिक लाभ यह है कि यह बहुत तेज विकास दर होती है। मिट्टी आधारित रोपण विधियों की तुलना में विकास दर 30 प्रतिशत तक तेज हो सकती है। इस विधि से अधिक मात्रा में उपज  व अधिक गुणवत्ता युक्त फसल बड़ी ही सरलता से ले सकते है।  

दोस्तों यदि आप हाइड्रोपोनिक विधि से बागवानी करना चाहते है तो आपको प्रत्येक हाइड्रोपोनिक सिस्टम को  पूरी तरह से समझने की आवश्यकता होगी, जो आपके लिए यह निर्धारित करना आसान बनाता है कि आपके लिए कौन सी प्रणाली सही है।
विभिन्न प्रकार की हाइड्रोपोनिक प्रणालियों  के बारे में हाइड्रोपोनिक ई-बुक में सपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।  

दोस्तों अगर आप हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में विस्तार से सीखना चाहते है तो आज ही सम्पूर्ण जानकारी युक्त  ई-बुक डाउनलोड करें बहुत ही सरल हिंदी भाषा में आसानी से यहाँ से डाउनलोड करें

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इस ई-बुक में हाइड्रोपोनिक खेती की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। जिसे सीख कर आप आसानी से एक हाइड्रोपोनिक सिस्टम का निर्माण स्वयं कर सकते है तथा इससे हर प्रकार की सब्जियों व फूलों का उत्पादन आसानी से कर सकते है।  अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

  

हाइड्रोपोनिक्स कैसे शुरू करें

हाइड्रोपोनिक, छत या बालकनी में बिना मिटटी किचन गार्डन कैसे तैयार करें

 

हाइड्रोपोनिक, छत या बालकनी में बिना मिटटी किचन गार्डन कैसे तैयार करें

दोस्तों यदि आप हाइड्रोपोनिक विधि से बागवानी करना चाहते है। तथा अपनी छत या बालकोनी में बिना मिटटी किचन गार्डन कैसे तैयार करना चाहते है। 

तो आपको प्रत्येक हाइड्रोपोनिक सिस्टम को  पूरी तरह से समझने की आवश्यकता होगी, जो आपके लिए यह निर्धारित करना आसान बनाता है कि आपके लिए कौन सी प्रणाली सही है।
विभिन्न प्रकार की हाइड्रोपोनिक प्रणालियों  के बारे में हाइड्रोपोनिक ई-बुक में सपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।  

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बिना खेतों के अनोखी खेती हाइड्रोपॉनिक्स

 

 
 

हाइड्रोपॉनिक्स क्या है

बिना खेतों के अनोखी खेती हाइड्रोपॉनिक्स जी हाँ दोस्तों अब बिना खेतों के भी खेती संभव है।  यह सब संभव हुआ है। हाइड्रोपोनिक तकनीक से। 

दोस्तों यदि आप हाइड्रोपोनिक विधि से बागवानी करना चाहते है तो आपको प्रत्येक हाइड्रोपोनिक सिस्टम को  पूरी तरह से समझने की आवश्यकता होगी, जो आपके लिए यह निर्धारित करना आसान बनाता है कि आपके लिए कौन सी प्रणाली सही है।
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Hydroponics E-Book In English

 

Complete Hydroponics E Book In English
TABLE OF CONTENTS

1. Introduction..............3

2. What is Hydroponics.........6

Knowledge is power!

3. Advantages & Disadvantages....8

4. What to grow.............14

5. Climate requirements........24

6. 4 Simple Systems...........41

This chapter will get you started fast... and cheaply

7. Mini Farms...............44

8. U-Build-It (Full-scale farms)....52

If you want huge yields..these farms can deliver

9. Growing Media............57

10. Hydroponic Solution.........63

11. Lighting................72

12. Seeds & Seedlings..........80

13. Plants & Produce...........86

14. Pests & Plagues............94

15. Troubleshooting ...........109

16. Cheap Supplies/ Contact Us....114

This chapter will pay for the E-book many times over

17. MINI FARM PLANS......... 115

18. FULL-SIZE PLANS.........170

19. GROW BOX & BUBBLER UNIT ...263



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Hydroponics Fodder Production पशुओं के लिए हरा चारा हाइड्रोपॉनिक्स विधि से आसानी से कैसे उगाएं ?

Hydroponics Fodder Production पशुओं के लिए हरा चारा हाइड्रोपॉनिक्स विधि से आसानी से कैसे उगाएं ?

दोस्तों जैसा की आप जानते है, कृषि से मिलने वाले फसल अवशेष जैसे की भूसा, आदि कम घनत्व वाले रेशे होते हैं, इनमें प्रोटीन, घुलनशील कार्बोहाइड्रेट, खनिज एवं विटामिन कम मात्रा में पाए जाते हैं गुणवत्ता एवं मात्रा दोनों मापदंडों के हिसाब से देश में फीड की कमी है जो कि पशुधन विकास में एक मुख्य बाधा है।  

हर साल देश में पानी की भी कमी होती जा रही है, और हमारे खेती का आधार समझे जाने वाले जानवरो के हरे चारे कि समस्या दिन प्रति दिन बढती जा रही है हमारे देश मे दूध कि मांग भी बहुत ज्यादा है, और ज्यादा दूध उत्पादन करने के लिये हरे चारे कि हमें  बहुत आवश्यकता है

इसलिये हमे हरा चारा उत्पादन के लिये कुछ अच्छे उपाय कि जरुरत है इन्ही उपायो में से एक है हाइड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन हमारे लिये हाइड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन एक अच्छा और कारगर विकल्प साबित हो सकता है

पशुओं के लिए हरा हाइड्रोपॉनिक्स चारा

 

तो चलिए जानते है हाइड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन के बारे मे।

क्या है हाइड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन और कैसे हम इसे बिना मिटटी के उत्पादन कर सकते है।  

दोस्तों बिना मिट्टी के नियंत्रित तापमान में पौधे उगाने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक्स कहते है. मुख्य रूप से हाइड्रोपोनिक्स चारा प्लास्टिक की छिद्रयुक्त ट्रे में उगाया जाता है।

मक्का, ज्वार या बाजरा के दानो को 15 से 30 डिग्री सेल्सिअस तापमान पर लगभग 80 से 85 प्रतिशत आर्द्रता मे उगाया जाता है. ये चारा 7 से 8 दिन मे तैयार हो जाता है

हाइड्रोपोनिक्स में चारा उत्पादन भौगोलिक स्थिति, क्षेत्र के वातावरण एवं बीज की उपलब्धता पर निर्भर करता है। उत्पादन के लिये बोए गए बीज साफ, साबुत, जीवाणु रहित एवं अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए। अगर यह कार्य नियंत्रित तापमान में किया जाय तो इस तकनीक से  बहुत अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है

पशुओं के लिए हरा हाइड्रोपॉनिक्स चाराइसमें बीजों को पानी में भिगोया जाता है, जिससे की बीज का अंकुरण शुरू हो सके और बीज आसानी से वृद्धि कर पौधा तैयार कर सके। सामान्यत: बीजों को जूट के थैलों में रखकर अच्छी तरह से बंद करके उन्हें भिगो कर 1 से 2 दिन के लिये रखा जा सकता है, ये बीज अब अंकुरित हो चुके होते हैं इसके बाद इन्हें प्लास्टिक की ट्रे में फैलाया जाता है

अंकुरित बीजों की सिंचाई दिन में कई बार की जाती है इसमें इस बात का ध्यान रखना होता है की पौधे की जड़ें हमेशा भीगी हुई रहे।

छोटे ग्रीन चारा उत्पादन की सिंचाई के लिए साधारण स्प्रे या पम्पिंग स्प्रे का उपयोग किया जाता है परंतु अगर बड़ी इकाई है तो आटोमेटिक स्प्रेयर उपयोग में लाए जा सकते हैं।

चारा पशुओं के लिए हरा हाइड्रोपॉनिक्स चारा
हम अगर हाइड्रोपोनिक्स में खर्च होने वाले पानी की मात्रा की बात करें तो यह जानने में बहुत ही रोचक होगा कि सामान्य खेती में उपयोग होने वाले पानी की तुलना में इसमें 3 से 5 प्रतिशत ही पानी की आवश्यकता होती है।

एक किलोग्राम मक्का की घास पैदा करने के लिये 1 लीटर (अगर पुन:) उपयोग में ले लिया जाये) से लेकर 3.0 लीटर जल की आवश्यकता होती है।

अपनी आवश्यकता के अनुसार 2 फिट बाय 1.5 फिट के ट्रे ले, या आपको जितना चारा उगाना है उस हिसाब से आप ट्रे ले सकते है

ट्रे मे अंकुरित बीज फैलाकर आप इन्हे 6 से 7 फिट एक के ऊपर एक ऊंचाई पर रख सकते है ऊंचाई दूरी एक से डेढ़ फुट की होनी चाहिए

जिससे कम जगह में ज्यादा उत्पादन ले सकते है।

अंकुरित बीजो पर 7 से 10 दिन तक दिन मे 6 से 8 बार पानी का स्प्रे करते रहे एक ट्रे मे 1 किलो बीज से हमे 10 किलो तक का 6 से 8 इंच तक लंबा हरा चारा आपको मिल जायेगा

यह चारा दुधारु पशुओं के लिये बहुत उपयोगी होता है चारा पौष्टिक होने के कारण दुध मे बढोतरी होती है कम लागत वाले घरेलु ग्रीन हाउस में 1 किलोग्राम मक्का से 7 से 10 दिनों में 8 से 10 किलोग्राम मक्का का चारा उगाया जा सकता है।

30-300 किलोग्राम ताजा चारा उगाने के लिये लगाई गयी इकाई में लगभग 2000 से 50,000 तक लागत सकती है

Hydroponics Fodder पशुओं के लिए हरा चारा  हाइड्रोपॉनिक्स
  

हाइड्रोपोनिक्स विधि से चारा उत्पादन करने के फायदे

ऐसे क्षेत्रों में जहाँ भूमि या पानी की कमी होती है वह इस विधि से सफलता पूर्वक उत्पादन किया जा सकता है। क्योंकि इसमें सामान्य कृषि से कम पानी खर्च होता है एवं एक बार उपयोग में लिए गए पानी को दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।

1.   इससे हरा चारा अधिक प्राप्त किया जा सकता है।

2.   इसमें कीट का खतरा नहीं रहता है।

3.   चारे को आसानी से हार्वेस्ट किया जा सकता है।

4.   पोषक तत्वों को नियंत्रित मात्रा में पानी के साथ ही घोल कर डाला जाता है,  

इसलिए किसी प्रकार की अतरिक्त खाद प्रयोग नहीं किया जाता।

हाइड्रोपोनिक्स विधि द्वारा उत्पादन हरा चारा
हाइड्रोपोनिक्स विधि द्वारा उत्पादन के लिए जिन ढांचों का उपयोग किया जाता हैं, उन्हें ग्रीन हाउस कहते हैं ये ग्रीन हाउस दो प्रकार के होते हैं

1. हाईटेक ग्रीन हाउस चारा इकाई

2. साधारण या कम खर्च वाले ग्रीन हाउस चारा इकाई

यह आसानी से कम लागत में तैयार किया जा सकता है एवं इसे छोटे किसान भी आराम से लगा सकते हैं इस इकाई के ढाँचे को बांस, लकड़ी, लोहे या PVC पाइप्स आदि से सेल्फ बना कर ढांचा तैयार किया जा सकता है।  

इसमें सिंचाई के लिये हाथ से चलाये जाने वाले छोटे-छोटे फव्वारे जो कि आटोमेटिक भी हो सकते हैं, उपयोग में लाये जाते हैं। चूंकि ये वातानुकूलित नहीं होते है उचित तापमान का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है


दिनों के अनुसार चारे का वृद्धि चक्र

     1.   पहला दिनपहले दिन पानी में भिगोये हुए बीजों को ट्रे में जो कि शेल्फ  में रखी होती हैं, में सामान रूप से      फैला दिया जाता है।

2.   दूसरा दिनदूसरे दिन बीज अंकुरित होने शुरू हो जाते हैं।

3.   तीसरा और चौथा दिनजड़ों का एक कालीन नुमा गुथा हुआ जाल दिखाई देने लगता है।

4.   पांचवा एवं छठा दिनजड़ों एवं तने की पूर्ण वृद्धि दिखा देने लगती है।

       5.   सांतवा या आठवां दिनइसे फीडिंग डे कहा जाता है, इस समय 8-10 इंच वृद्धि हो जाती है एवं इस समये       हरे चारे को ट्रे से निकालकर पशुओंको खिलाया जा सकता है।

 

हाइड्रोपोनिक्स विधि से उगाये गए चारे की विशेषताएं

1.   यह ऊर्जा से भरपूर होता है।

2.   इसमें अच्छी गुणवत्ता का प्रोटीन पाया जाता है।

3.   यह चारा हरा, पौष्टिक, स्वादिष्ट व् आसानी से पचने वाला होता है।

4.   इस चारे में विटामिन, खनिज एवं उत्प्रेरक भरपूर होते हैं।

5.   इसमें नमी की मात्रा अधिक होने से जानवरों में पेट की समस्या नहीं होती

6.   विभिन्न प्रयोगों से देखा गया है कि इसे खिलाने से दूध उत्पादन में 8 से 13.7 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है

7.   पशुओं को दिए जाने वाले फीड में अगर यह चारा मिलाया जाये तो वह 5 प्रतिशत अधिक पाचन योग्य प्रोटीन एवं 4.9 प्रतिशत अधिक पाचक पदार्थ प्रदान करेंगे।

घरेलु हाइड्रोपॉनिक्स चारा उत्पादन कक्ष बनाने के लिए मुख्य सामाग्री

1.  हाइड्रोपोनिक प्लैक्टिक ट्रे
2. ट्रे रखने के लिए रैक या स्टैंड
3. पानी का छिड़काव करने के लिए स्प्रेयर पंप
4.  ग्रीनहाउस शेड का कपड़ा
5.  व घुलनशील पोषक तत्व

Hydroponics Fodder Production Equipments

दोस्तों यदि आप हाइड्रोपोनिक विधि से बागवानी करना चाहते है तो आपको प्रत्येक हाइड्रोपोनिक सिस्टम को  पूरी तरह से समझने की आवश्यकता होगी, जो आपके लिए यह निर्धारित करना आसान बनाता है कि आपके लिए कौन सी प्रणाली सही है।
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दोस्तों अगर आप हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में विस्तार से सीखना चाहते है तो आज ही सम्पूर्ण जानकारी युक्त  ई-बुक डाउनलोड करें बहुत ही सरल हिंदी भाषा में आसानी से यहाँ से डाउनलोड करें दोस्तों यह इ बुक आप पीडीऍफ़ फॉर्मेट में आसानी से अपने मोबाइल या लैपटॉप आदि में सेव करके कभी भी आसानी से सीख सकते है ।

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