हाइड्रोपोनिक्स लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
हाइड्रोपोनिक्स लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

What is Hydroponics (हाइड्रोपोनिक्स क्या है)


हाइड्रोपोनिक्स क्या है?
हाइड्रोपोनिक्स क्या है ? What is Hydroponics


मृदा या मिटटी के बिना बागवानी करने के विज्ञान है। जिसे हाइड्रोपोनिक्स कहा जाता है। केवल पानी में या कंकड़ों के बीच नियंत्रित जलवायु में बिना मिट्टी के पौधे उगाने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक कहते हैं। इसे हाइड्रोपोनिक्स कृषि प्रणाली भी कहा जाता है। 

What is Hydroponic Kheti




इस प्रणाली में पारंपरिक बागवानी की तुलना में कहीं अधिक, जल्दी व आसानी से उच्च गुणवत्ता युक्त सब्जियां उगाई जा सकती हैं।

हाइड्रोपोनिक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों ‘हाइड्रो’ (Hydro) तथा ‘पोनोस (Ponos) से मिलकर हुई है। हाइड्रो का मतलब है। पानी, जबकि पोनोस का अर्थ है कार्य।

हाइड्रोपोनिक्स खेती की एक आधुनिक तकनीक है। जिसका अभिप्राय पानी द्वारा खेती से है।
कम जगह होते हुए भी एक स्थायी तरीके से हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम से बड़ी मात्रा में, स्वास्थ्यप्रद भोजन को विकसित किया जा सकता है।

बड़े बड़े शहरों में यह तकनीक बहुत ज्यादा अपनाई जा रही है।  दरअसल, बढ़ते शहरीकरण और बढ़ती आबादी के कारण फसल और पौधों के लिये जमीन की कमी भी होती जा रही है।

 हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम में आप अपने फ्लैट में या घर में भी बड़े आराम से पौधे और सब्जियाँ आदि उगा सकते हैं।
यह तकनीक लोगों को उन स्थानों पर भी भोजन उगाने की क्षमता प्रदान करता है, जहां पारंपरिक कृषि संभव नहीं है।


आमतौर पर हाइड्रोपोनिक्स कृषि प्रणाली में टमाटर, मिर्च, खीरे, लेट्यूस, पालक, बैंगन, शिमला मिर्च, करेला आदि हर प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है।

हाइड्रोपोनिक प्रणालियों में पौधों को विभिन्न प्रकार से पोषक तत्व प्रदान किये जाते है जिसमे  कार्बनिक खाद, रासायनिक उर्वरक या कृत्रिम विधि द्वारा तैयार किये गए पोषक तत्व आदि प्रमुख है। 

हाइड्रोपोनिक्स कृषि प्रणाली कई फायदे भी प्रदान करती है, उनमें से एक है कृषि के लिए पानी के उपयोग में कमी, अर्थार्थ जहाँ साधारण खेती में 1 किलोग्राम टमाटर उगाने के लिए 70 लीटर पानी का इस्तेमाल होता है, हाइड्रोपोनिक्स में  केवल 20 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का कई पश्चिमी देशों में फसल उत्पादन के लिये इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारे देश में भी हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से देश के कई क्षेत्रों में बिना जमीन और मिट्टी के पौधे उगाए जा रहे हैं और फसलें पैदा की जा रही हैं। राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्रों में जहाँ चारे के उत्पादन के लिये विपरीत जलवायु वाली परिस्थितियाँ हैं, उन क्षेत्रों में यह तकनीक वरदान सिद्ध हो सकती है।

दूरसे शब्दों में कहें तो यह एक आधुनिक तकनीक की खेती जिसमें पौधों की वृद्धि, उत्पादकता पोषक तत्वों, का स्तर पानी द्वारा वैज्ञानिक तरीके से नियंत्रित की जाती है।

खेती करने का यह तरीका बड़े बड़े शहरों और महानगरों में काफी लोकप्रिय होता जा रहा है और आधुनिक कृषि पद्धतियों पर भी इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है,
हाइड्रोपोनिक्स,
पौधों की उत्तम वृद्धि और बेहतर उपज व उत्पादन पाने के लिए पानी के साथ साथ विशिष्ट मात्रा के दिए गए पोषक तत्त्वों द्वारा समृद्ध किया जाता है

हाइड्रोपोनिक्स कृषि प्रणाली के कुछ बुनियादी मुख्य प्रबंधन कार्य की निम्नलिखित है

Plant & Root Support System:- आम तौर पर हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम में, पौधे और पौधे की जड़ों को सीधा ऊपर की और बढ़ने के लिए सहारा देने व्यवस्था की जाती है, जिसके  लिए कई माध्यमों और प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है।

Supply of Nutrient:- एक और जहाँ पारंपरिक खेती में पौधे पानी और पोषक तत्त्वों को मिटटी से ग्रहण करते है वहीं हाइड्रोपोनिक्स कृषि प्रणाली में संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों को पौधों तक पहुंचाया जाता है।

supply Of Air:- मृदा आधारित खेती में, पौधों को मिट्टी से ऑक्सीजन प्राप्त होता है, परन्तु हाइड्रोपोनिक्स कृषि प्रणाली में पौधे पानी से ऑक्सीजन प्राप्त करते है  यह ठीक वैसे ही है जैसे एक्वेरियम टैंक में मछलियों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की जाती है

👉 हाइड्रोपोनिक्स तकनीक की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी हाइड्रोपोनिक्स ई-बुक के माध्यम से उपलब्ध  करवाई गई है।  जिसे आसनी से डाउनलोड करके तकनीक को आसानी से सीख सकते है।
👉 इसमें आप सीखेंगे यह प्रणाली किस प्रकार कार्य करती है।
👉 हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम का निर्माण कैसे किया जाता है।
👉 पौधों के पोषक तत्व तैयार करना ।
👉 उचित देखभाल व प्रबंधन।
👉 व्यावसायिक हाइड्रोपोनिक्स फार्म का निर्माण कैसे किया जाता है।
👉 सब्सिड़ी व लोन कहाँ से प्राप्त करे।
👉 प्रोजेक्ट रिपोर्ट कैसे तैयार करें।
👉 आदि कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाइड्रोपोनिक्स इस ई-बुक  में उपलब्ध करवाई गई है।

सम्पूर्ण जानकारी ई-बुक के माध्यम से प्राप्त करें, न्यूट्रिएंट फार्मूले के साथ, कैसे पौधों के पोषक तत्व तैयार किया जाता है। आदि कई महत्वपूर्ण जाकारियों से भरपूर, हाइड्रोपोनिक्स ई-बुक मात्र 199/- रुपए में आप इस बुक को डाउनलोड कर सकते है।
अधिक जानकारी के लिए हमे ईमेल द्वारा संपर्क कर सकते हैं।
हाइड्रोपोनिक्स क्या है,


हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करे,

https://bit.ly/3dBTHx4



Growing Net Cup For Hydroponic System

ग्रोइंग कप क्या है और इसके क्या कार्य है।

ग्रोइंग कप एनएफटी हाइड्रोपोनिक सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं विशेष रूप से छोटे पौधों के लिए फायदेमंद है। जिसे आमतौर पर नेट कप कहा जाता है।

इस कप को पौधों की जड़ो को मजबूती से टिकाये रखने के लिए  कई प्रकार के ग्रोइंग मीडिया (जैसे पर्लाइट, नारियाल का बुरादा, बर्मीकुलाइट, क्ले बॉल्स, आदि) के साथ इसे एनएफटी हाइड्रोपोनिक सिस्टम में स्थापित किया जाता है। नेट कप द्वारा ही पौधे की जड़ो को आधार प्रदान किया जाता है,  साधारणतः यह प्लास्टिक से बने होते है और बार बार प्रयोग में लाये जा सकते है ।

नेट कप द्वारा जड़ों या तनों को कोई नुकसान पहुचाये बिना पौधों को स्थानांतरित करना आसान हो जाता है।

इसमें चारो और के छिद्रों से, पौधे आसानी से नमी और पोषक तत्व प्राप्त करते हैं। पौधे की जड़ो का विकास इसी कप में होता है।

पौधे के आकर के हिसाब से कप का चुनाव करना चाहिए आमतौर पर लेक्टस के लिए 2 इंच नेट कप का उपयोग किया जाता है, लेकिन टमाटर मिर्च और बेलदार पौधों के लिए अलग-अलग आकार के नेट कप का उपयोग किया जाता है।


शहरी खेती Urban Farming and Hydroponic Farming Technique

स्पष्ट रूप से शहरी कृषि, शहरी खेती, या शहरी बागवानी , वह कार्य या व्यवसाय है, जिसे अब सिर्फ गाँव ही नहीं बड़े बड़े आधुनिक शहरों में भी किया जा सकता है।

खेती के लिए पर्याप्त भूमि न होने के बावजूद इस कार्य या व्यवसाय को छोटे शहरों या गाँव में भी आसानी से किया जा सकता है जो आसानी से भोजन की दैनिक मांग को पूरा कर सकते है।

पारम्परिक खेती में बढ़ते कीटनाशकों का प्रयोग और प्रकृति से प्रेम का शहरों में रहने वाले लोगो को इस और आकर्षित कर रहा है। जो उच्च गुणवत्ता के फल सब्जियों आदि की कमी को पूरा करने के लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प बनता जा रहा है आने वाले समय में शहरी खेती, या शहरी बागवानी खाद्य सुरक्षा के महत्वपूर्ण स्रोत बनने वाले है।
शहरी खेती शहर में अपने निजी अहाते, छोटे भूखंडों से लेकर बड़े पैमाने में व्यवसायिक रूप में किया जा सकता है एक अध्यन के मुताबिक दुनिया भर में लाखो लोग शहरी खेती, में नई नई वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग कर के नए आयाम प्रस्तुत कर रहे है।

आमतौर पर जल, और वायु  द्वारा आधारित आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक शहरी खेती भूमि सुरक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, स्वस्थ पर्यावरण उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है ।

इसे अधिकांश शहरों में छोटी-छोटी खाली जगहों या छतों में अंदर या बाहर,  हाइड्रोपोनिक्स तकनीक द्वारा बड़ी ही सुगमता से गुणवत्ता पूर्ण भोजन का उत्पादन करने के लिए बहुत आसानी से किया जा रहा है। भोजन और ऊर्जा दोनों की बर्बादी भी कम की जा सकती है। आमतौर पर जहाँ परंपरागत कृषि में पौधों के सफल विकास के लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम में उन्हें विकसित करने के लिए मिटटी की आवश्यकता नहीं होती है। हाइड्रोपोनिक्स में पौधे  25-30% तेजी से  विकास अधिक मात्रा में फ़सल उत्पादन करते है।

शहरी कृषि के इस आधुनिक मॉडल को व्यावसायिक रूप में अपना कर आपने आप को आर्थिक रूप से सदृढ़ भी किया जा सकता है।

भविष्य के लिए, हाइड्रोपोनिक्स  सिस्टम से जुड़ना एक स्मार्ट निवेश है। हाइड्रोपोनिक्स और संबंधित नौकरियां या व्यवसाय देश में सबसे तेजी से बढ़ रहे है, और भविष्य में शहरी कृषि सार्वजनिक और निजी दोनों छेत्रों ,के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी।

शहरी खेती विशेष रूप से शहरों में रहने वाले लोगों के लिए खाद्य उत्पादन और प्रकृति के साथ जुड़े रहने का अद्भुद और अद्वितीय अवसर प्रदान करने के साथ साथ नए उद्यमशीलता की गतिविधियों में वृद्धि और नौकरियों के सृजन के साथ-साथ खाद्य लागतों को कम करने और उनकी  गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करती है।

शहरी कृषि व्यक्तियों के सामाजिक और भावनात्मक कल्याण पर एक बड़ा प्रभाव डाल सकती है। शहरी उद्यान अक्सर ऐसे स्थान होते हैं जो सकारात्मक सामाजिक संपर्क और आपसी सामाजिक सुरक्षा पैदा में करने   महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वैज्ञानिक तकनीकों जैसे हाइड्रोपोनिक्स में उत्पन किये गए फल, सब्जियां आदि उत्पाद, स्टोर किये गए खाद्यों  की तुलना में अधिक स्वादिष्ट और गुणकारी माने जाते है।


शहरी कृषि कम आय वाले लोगो के लिए भी हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम द्वारा बागवानी करना आर्थिक दृस्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है


दोस्तों हम आपके लिए लेकर आये हैं बिलकुल ही सरल और आसान एक्सपर्ट लेबल का हाइड्रोपोनिक्स कोर्स हिंदी में । जिसके बाद आप अपना खुद का एक हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम तैयार कर सकते है ,

इस कोर्स में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के विभिन्न पहलुओं को समझने में सहायता मिलेगी, की यह तकनीक क्या है और कैसे कार्य करती है । और कैसे आप आसानी से इस विधि का प्रयोग आपने घर में लाभ ले सकते है।

इसमें हम आपको बताएँगे के कैसे पौधों के लिए विशिष्ट पोषक घोल (खाद) तैयार किया जाता है, किन किन खादों और पोषक तत्वों की पौधों को कब जरूरत होती है , और पोधों की जरूरत के मुताबिक़ सही मात्रा में आप खुद आपने हाथो से इसे तैयार कर सकेंगे , दोस्तों इसके लिए लिए आपको सिर्फ सहयोग राशि के रूप में मात्र रु 199/- देने होंगे । तो आज ही डाउनलोड करें ऑनलाइन फुल कोर्स।

Pay & Download E-Book In Hindi



Hydroponics E-Book In Hindi

हाइड्रोपोनिक्स क्या है WHAT IS HYDROPONICS # हाइड्रोपोनिक्स तकनीक # हाइड्रोपोनिक व्यवसाय कैसे शुरू करें # घर की छत पर हाइड्रोपोनिक बागवानी

हाइड्रोपोनिक्स पौधों को उगाने (खेती या बागवानी) की ऐसी विधि है। जिसमे मिटटी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।   

हाइड्रोपोनिक्स क्या है WHAT IS HYDROPONICS

मिटटी की जगह इसमें पर्लाइट, रॉकवूल, क्ले बॉल्स, कोकोपीट, वर्मीकुलाइट आदि का प्रयोग किया जाता है ,
इस तकनीक में पौधों को आवश्यक पोषक तत्त्व उपलब्ध करवाए जाते है जो पौधों के विकास के लिए बहुत आवश्यक होते है। आधुनिक खेती के रूप में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का प्रचलन काफी बढ़ा है।

हाइड्रोपोनिक्स क्या है


इस आधुनिक तकनीक में पौधों का विकास कम समय में अधिक , तथा फसल स्वस्थ व स्वच्छ होती है।

हाइड्रोपोनिक्स विधि के बहुत से लाभ देखे गए है, जैसे
सबसे पहले तो इसमें मिटटी का इस्तेमाल नहीं किया जाता
दूसरा हर जगह तथा किसी भी मौसम में इस तकनीक का इस्तेमाल करके फसलों को उगाया जा सकता है
कम जगह में भी इस तकनीक का बखूबी इस्तेमाल करके ज्यादा लाभ लिया जा सकता है।  बल्कि घर की छत्तों में भी इस तकनीक का उपयोग करके बेहतरीन आमदनी का जरिया बनाया जा सकता है ।
इसमें पोधो को पोषक तत्त्व आसानी से प्राप्त होते है जिससे कम जगह में ज्यादा पौधों को लगाया जा सकता है।  

हाइड्रोपोनिक्स पानी की फ़ालतू बर्बादी को रोकता है।  खुले खेतों की अपेक्षा इसमें 90 प्रतिशत कम पानी की खपत होती है ,  इस विधि में सिस्टम के अंदर पानी लगातार घूमता रहता है जिसे पौधे अपनी आवश्यकता के अनुसार लेते रहते है।  

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक

सबसे बड़ा फायदा इसमें यह है की आप पौधों के विकास अलग-अलग चरणों के अनुसार आवश्यक पोषक तत्त्वों की सही मात्रा पौधों को आसानी से उपलब्ध करवा सकते है। जिससे अधिक व गुणवत्ता युक्त उपज या फसल ले सकते है।  
पारंपरिक खेती में मुख्य चिंता का विषय होती है खरपतवार।  लेकिन हाइड्रोपोनिक्स  में आपको इस चिंता से मुक्ति मिल जाती है।  
हाइड्रोपोनिक्स श्रम और समय तो बचाता ही है।  साथ ही साथ इस विधि से किसी भी समय किसी भी मौसम में  अधिक लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है।

अगर आप हाइड्रोपोनिक्स सीखना चाहते है और इसमें मास्टर बनना चाहते है तो इस तकनीक को सीखने के लिए सम्पूर्ण  ई बुक आज ही डाउनलोड करें ,  मात्र 199 रुपए में। 

DOWNLOAD NOW

Hydroponics E Book

बिना खेतों के अनोखी खेती हाइड्रोपॉनिक्स

 

 
 

हाइड्रोपॉनिक्स क्या है

बिना खेतों के अनोखी खेती हाइड्रोपॉनिक्स जी हाँ दोस्तों अब बिना खेतों के भी खेती संभव है।  यह सब संभव हुआ है। हाइड्रोपोनिक तकनीक से। 

दोस्तों यदि आप हाइड्रोपोनिक विधि से बागवानी करना चाहते है तो आपको प्रत्येक हाइड्रोपोनिक सिस्टम को  पूरी तरह से समझने की आवश्यकता होगी, जो आपके लिए यह निर्धारित करना आसान बनाता है कि आपके लिए कौन सी प्रणाली सही है।
विभिन्न प्रकार की हाइड्रोपोनिक प्रणालियों  के बारे में हाइड्रोपोनिक ई-बुक में सपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।  

दोस्तों अगर आप हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में विस्तार से सीखना चाहते है तो आज ही सम्पूर्ण जानकारी युक्त  ई-बुक डाउनलोड करें बहुत ही सरल हिंदी भाषा में आसानी से यहाँ से डाउनलोड करें

 Download Complete E-Book In Hindi

इस ई-बुक में हाइड्रोपोनिक खेती की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। जिसे सीख कर आप आसानी से एक हाइड्रोपोनिक सिस्टम का निर्माण स्वयं कर सकते है तथा इससे हर प्रकार की सब्जियों व फूलों का उत्पादन आसानी से कर सकते है।  अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

Hydroponics Fodder Production पशुओं के लिए हरा चारा हाइड्रोपॉनिक्स विधि से आसानी से कैसे उगाएं ?

Hydroponics Fodder Production पशुओं के लिए हरा चारा हाइड्रोपॉनिक्स विधि से आसानी से कैसे उगाएं ?

दोस्तों जैसा की आप जानते है, कृषि से मिलने वाले फसल अवशेष जैसे की भूसा, आदि कम घनत्व वाले रेशे होते हैं, इनमें प्रोटीन, घुलनशील कार्बोहाइड्रेट, खनिज एवं विटामिन कम मात्रा में पाए जाते हैं गुणवत्ता एवं मात्रा दोनों मापदंडों के हिसाब से देश में फीड की कमी है जो कि पशुधन विकास में एक मुख्य बाधा है।  

हर साल देश में पानी की भी कमी होती जा रही है, और हमारे खेती का आधार समझे जाने वाले जानवरो के हरे चारे कि समस्या दिन प्रति दिन बढती जा रही है हमारे देश मे दूध कि मांग भी बहुत ज्यादा है, और ज्यादा दूध उत्पादन करने के लिये हरे चारे कि हमें  बहुत आवश्यकता है

इसलिये हमे हरा चारा उत्पादन के लिये कुछ अच्छे उपाय कि जरुरत है इन्ही उपायो में से एक है हाइड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन हमारे लिये हाइड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन एक अच्छा और कारगर विकल्प साबित हो सकता है

पशुओं के लिए हरा हाइड्रोपॉनिक्स चारा

 

तो चलिए जानते है हाइड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन के बारे मे।

क्या है हाइड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन और कैसे हम इसे बिना मिटटी के उत्पादन कर सकते है।  

दोस्तों बिना मिट्टी के नियंत्रित तापमान में पौधे उगाने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक्स कहते है. मुख्य रूप से हाइड्रोपोनिक्स चारा प्लास्टिक की छिद्रयुक्त ट्रे में उगाया जाता है।

मक्का, ज्वार या बाजरा के दानो को 15 से 30 डिग्री सेल्सिअस तापमान पर लगभग 80 से 85 प्रतिशत आर्द्रता मे उगाया जाता है. ये चारा 7 से 8 दिन मे तैयार हो जाता है

हाइड्रोपोनिक्स में चारा उत्पादन भौगोलिक स्थिति, क्षेत्र के वातावरण एवं बीज की उपलब्धता पर निर्भर करता है। उत्पादन के लिये बोए गए बीज साफ, साबुत, जीवाणु रहित एवं अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए। अगर यह कार्य नियंत्रित तापमान में किया जाय तो इस तकनीक से  बहुत अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है

पशुओं के लिए हरा हाइड्रोपॉनिक्स चाराइसमें बीजों को पानी में भिगोया जाता है, जिससे की बीज का अंकुरण शुरू हो सके और बीज आसानी से वृद्धि कर पौधा तैयार कर सके। सामान्यत: बीजों को जूट के थैलों में रखकर अच्छी तरह से बंद करके उन्हें भिगो कर 1 से 2 दिन के लिये रखा जा सकता है, ये बीज अब अंकुरित हो चुके होते हैं इसके बाद इन्हें प्लास्टिक की ट्रे में फैलाया जाता है

अंकुरित बीजों की सिंचाई दिन में कई बार की जाती है इसमें इस बात का ध्यान रखना होता है की पौधे की जड़ें हमेशा भीगी हुई रहे।

छोटे ग्रीन चारा उत्पादन की सिंचाई के लिए साधारण स्प्रे या पम्पिंग स्प्रे का उपयोग किया जाता है परंतु अगर बड़ी इकाई है तो आटोमेटिक स्प्रेयर उपयोग में लाए जा सकते हैं।

चारा पशुओं के लिए हरा हाइड्रोपॉनिक्स चारा
हम अगर हाइड्रोपोनिक्स में खर्च होने वाले पानी की मात्रा की बात करें तो यह जानने में बहुत ही रोचक होगा कि सामान्य खेती में उपयोग होने वाले पानी की तुलना में इसमें 3 से 5 प्रतिशत ही पानी की आवश्यकता होती है।

एक किलोग्राम मक्का की घास पैदा करने के लिये 1 लीटर (अगर पुन:) उपयोग में ले लिया जाये) से लेकर 3.0 लीटर जल की आवश्यकता होती है।

अपनी आवश्यकता के अनुसार 2 फिट बाय 1.5 फिट के ट्रे ले, या आपको जितना चारा उगाना है उस हिसाब से आप ट्रे ले सकते है

ट्रे मे अंकुरित बीज फैलाकर आप इन्हे 6 से 7 फिट एक के ऊपर एक ऊंचाई पर रख सकते है ऊंचाई दूरी एक से डेढ़ फुट की होनी चाहिए

जिससे कम जगह में ज्यादा उत्पादन ले सकते है।

अंकुरित बीजो पर 7 से 10 दिन तक दिन मे 6 से 8 बार पानी का स्प्रे करते रहे एक ट्रे मे 1 किलो बीज से हमे 10 किलो तक का 6 से 8 इंच तक लंबा हरा चारा आपको मिल जायेगा

यह चारा दुधारु पशुओं के लिये बहुत उपयोगी होता है चारा पौष्टिक होने के कारण दुध मे बढोतरी होती है कम लागत वाले घरेलु ग्रीन हाउस में 1 किलोग्राम मक्का से 7 से 10 दिनों में 8 से 10 किलोग्राम मक्का का चारा उगाया जा सकता है।

30-300 किलोग्राम ताजा चारा उगाने के लिये लगाई गयी इकाई में लगभग 2000 से 50,000 तक लागत सकती है

Hydroponics Fodder पशुओं के लिए हरा चारा  हाइड्रोपॉनिक्स
  

हाइड्रोपोनिक्स विधि से चारा उत्पादन करने के फायदे

ऐसे क्षेत्रों में जहाँ भूमि या पानी की कमी होती है वह इस विधि से सफलता पूर्वक उत्पादन किया जा सकता है। क्योंकि इसमें सामान्य कृषि से कम पानी खर्च होता है एवं एक बार उपयोग में लिए गए पानी को दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।

1.   इससे हरा चारा अधिक प्राप्त किया जा सकता है।

2.   इसमें कीट का खतरा नहीं रहता है।

3.   चारे को आसानी से हार्वेस्ट किया जा सकता है।

4.   पोषक तत्वों को नियंत्रित मात्रा में पानी के साथ ही घोल कर डाला जाता है,  

इसलिए किसी प्रकार की अतरिक्त खाद प्रयोग नहीं किया जाता।

हाइड्रोपोनिक्स विधि द्वारा उत्पादन हरा चारा
हाइड्रोपोनिक्स विधि द्वारा उत्पादन के लिए जिन ढांचों का उपयोग किया जाता हैं, उन्हें ग्रीन हाउस कहते हैं ये ग्रीन हाउस दो प्रकार के होते हैं

1. हाईटेक ग्रीन हाउस चारा इकाई

2. साधारण या कम खर्च वाले ग्रीन हाउस चारा इकाई

यह आसानी से कम लागत में तैयार किया जा सकता है एवं इसे छोटे किसान भी आराम से लगा सकते हैं इस इकाई के ढाँचे को बांस, लकड़ी, लोहे या PVC पाइप्स आदि से सेल्फ बना कर ढांचा तैयार किया जा सकता है।  

इसमें सिंचाई के लिये हाथ से चलाये जाने वाले छोटे-छोटे फव्वारे जो कि आटोमेटिक भी हो सकते हैं, उपयोग में लाये जाते हैं। चूंकि ये वातानुकूलित नहीं होते है उचित तापमान का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है


दिनों के अनुसार चारे का वृद्धि चक्र

     1.   पहला दिनपहले दिन पानी में भिगोये हुए बीजों को ट्रे में जो कि शेल्फ  में रखी होती हैं, में सामान रूप से      फैला दिया जाता है।

2.   दूसरा दिनदूसरे दिन बीज अंकुरित होने शुरू हो जाते हैं।

3.   तीसरा और चौथा दिनजड़ों का एक कालीन नुमा गुथा हुआ जाल दिखाई देने लगता है।

4.   पांचवा एवं छठा दिनजड़ों एवं तने की पूर्ण वृद्धि दिखा देने लगती है।

       5.   सांतवा या आठवां दिनइसे फीडिंग डे कहा जाता है, इस समय 8-10 इंच वृद्धि हो जाती है एवं इस समये       हरे चारे को ट्रे से निकालकर पशुओंको खिलाया जा सकता है।

 

हाइड्रोपोनिक्स विधि से उगाये गए चारे की विशेषताएं

1.   यह ऊर्जा से भरपूर होता है।

2.   इसमें अच्छी गुणवत्ता का प्रोटीन पाया जाता है।

3.   यह चारा हरा, पौष्टिक, स्वादिष्ट व् आसानी से पचने वाला होता है।

4.   इस चारे में विटामिन, खनिज एवं उत्प्रेरक भरपूर होते हैं।

5.   इसमें नमी की मात्रा अधिक होने से जानवरों में पेट की समस्या नहीं होती

6.   विभिन्न प्रयोगों से देखा गया है कि इसे खिलाने से दूध उत्पादन में 8 से 13.7 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है

7.   पशुओं को दिए जाने वाले फीड में अगर यह चारा मिलाया जाये तो वह 5 प्रतिशत अधिक पाचन योग्य प्रोटीन एवं 4.9 प्रतिशत अधिक पाचक पदार्थ प्रदान करेंगे।

घरेलु हाइड्रोपॉनिक्स चारा उत्पादन कक्ष बनाने के लिए मुख्य सामाग्री

1.  हाइड्रोपोनिक प्लैक्टिक ट्रे
2. ट्रे रखने के लिए रैक या स्टैंड
3. पानी का छिड़काव करने के लिए स्प्रेयर पंप
4.  ग्रीनहाउस शेड का कपड़ा
5.  व घुलनशील पोषक तत्व

Hydroponics Fodder Production Equipments

दोस्तों यदि आप हाइड्रोपोनिक विधि से बागवानी करना चाहते है तो आपको प्रत्येक हाइड्रोपोनिक सिस्टम को  पूरी तरह से समझने की आवश्यकता होगी, जो आपके लिए यह निर्धारित करना आसान बनाता है कि आपके लिए कौन सी प्रणाली सही है।
विभिन्न प्रकार की हाइड्रोपोनिक प्रणालियों  के बारे में हाइड्रोपोनिक ई-बुक में सपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।  

दोस्तों अगर आप हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में विस्तार से सीखना चाहते है तो आज ही सम्पूर्ण जानकारी युक्त  ई-बुक डाउनलोड करें बहुत ही सरल हिंदी भाषा में आसानी से यहाँ से डाउनलोड करें दोस्तों यह इ बुक आप पीडीऍफ़ फॉर्मेट में आसानी से अपने मोबाइल या लैपटॉप आदि में सेव करके कभी भी आसानी से सीख सकते है ।

 Download Complete E-Book In Hindi

इस ई-बुक में हाइड्रोपोनिक खेती की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। जिसे सीख कर आप आसानी से एक हाइड्रोपोनिक सिस्टम का निर्माण स्वयं कर सकते है तथा इससे हर प्रकार की सब्जियों व फूलों का उत्पादन आसानी से कर सकते है।  अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

Contact Us

नाम

ईमेल *

संदेश *